दोस्तों Odisha Train Accident, उड़ीसा के बालेश्वर डिस्ट्रिक्ट में एक भयंकर ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हुई है जिसमें अब तक करीब 250 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। लगभग 1200 से ज्यादा लोग घायल हैं। इसका अभी official figure आना बाकी है लेकिन अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये जो आप casualty देख रहे हैं। इसकी संख्या बढ़ने वाली है।
क्योंकि आप इस तस्वीर से अंदाजा लगा सकते हो ये ट्रेन इतनी से दुर्घटनाग्रस्त हुई है। और इसमें तीन ट्रेन involve है। अब आप ये समझने की कोशिश कीजिए कि आखिर ये ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हुआ कैसे? इसमें मानवीय भूल है या system failure हो गया
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इसका जिम्मेदार कौन?
अब इसकी जिम्मेदारी लेगा कौन? आप समझ सकते हो ये इतना बड़ा दुर्घटना होने के कारण जो इतने सारे लोगों की जान गई है। उसके जिम्मेदार कौन होंगे? मैं आपको बता दूँ 12841 शालीमार, चेन्नई एक्सप्रेस जो कि शालीमार से आ के चेन्नई की चेन्नई की ओर जा रही थी और दूसरी ट्रेन हमारी बेंगलुरु टर्मिनल से निकल के हावरा की ओर जा रही थी दोनों पैसेंजर ट्रेन है फुली पैकड रहती है इसमें जो लोग रहते हैं स्लीपर कोचेस में इसकी अगर हालत देखोगे तो आप अगर seventy two सीट है तो लगभग डेढ़ सौ से ज्यादा लोग रहते हैं स्लीपर कोच में क्योंकि वेटिंग वाले रहते हैं और ये फुल्ली पैकड ही जाता है।
Odisha Train Accident के पीछे की वजह आई सामने?
Odisha Train Accident, कुरुमंडल एक्सप्रेस शालीमार, चेन्नई कुरुमंडल एक्सप्रेस अपने फुल maximum permissible स्पीड पे one thirty के एमपीएच पे आ रही थी पहले क्या हो गया था जो हमारी एसएमबीटी बेंगलोर हावरा वाली जो ट्रेन है वो चल के जा रही थी और उसके तीन डब्बे पटरी से उतर गए थे और वो दूसरे ट्रैक को obstacle कर रहे थे और इसी दौरान एक मालगाड़ी उधर से गुजरने वाली थी गुजर रही थी तो उस मालगाड़ी को रोक दिया गया था ताकि मालगाड़ी पैसेंजर ट्रेन से ना टकरा जाए और उस दौरान हुआ क्या? अब मालगाड़ी रुकी है
वो ब्लॉक सेक्शन मैंने आपको पहले भी समझाया था वो पूरा ब्लॉक हो गया और पीछे से अपने फुल स्पीड से आ रही है और ऐसा कहा जा रहा है कि सिग्नल रेड होने की बजाय सिस्टम failure हो गया signal failure होने की वजह से loco pilot उसके जो crew थे असिस्टेंट लोकोपायलट उनको पता ही नहीं चला कि आगे ट्रैक पे एक गाड़ी है क्योंकि ट्रेन जब one thirty की स्पीड से चलती है
तो आप अंदाजा लगा लो ट्रेन अगर आप रोकने की emergency break भी लगाने की कोशिश करोगे तो कम से कम एक किलोमीटर कम से कम आठ सौ से एक किलोमीटर distance लेती है रुकने में और ये one thirty के एमपीएस से हमको I am sure कि क्रू ने ब्रेक लगाई होगी इमरजेंसी ब्रेक लगाई होगी लेकिन रुकते-रुकते ये जोरदार टक्कर मारी है मालगाड़ी कोई गुड स्ट्रेन जिसको रोका गया था उसको खतरनाक से टक्कर मारी गई है और आप अंदाजा लगाओ आगे के दो कोच आजकल जो कोच रहते हैं
उसमें जेनरल कोचेस रहते हैं जिसमें कोई आंकड़ा निकल के नहीं आने वाले कितने लोग उस जरनल कोच में थे आप आप जनरल की हालत देख के अंदाजा लगा लो कितने होंगे उसमें और इसके सत्रह डब्बे, सत्रह डब्बे बेपटरी हो गए कोरोमंडल एक्सप्रेस के और सात डब्बे की बहुत बुरी हालत है। एक कोच में अंदाजा लगा लो और आप मैं तो सोच नहीं पा रहा हूँ कि हम इस दुःख की घड़ी में हम, हमारी संवेदनाएं उस परिवार के साथ है। जिनके परिवार के लोगों की जान चली गई है, घायल हैं, जो घायल हैं,
मैं उनके रिकवरी की कामना करता हूँ, जल्दी से recover हो जाए। इसपे अपडेट आती रहेगी मैं आपको बताता रहूँगा। मैं यहाँ thanks कहना चाहूंगा उड़ीसा में जो बालेश्वर के लोग हैं उनका भी वो रात भर लगे रहे इस rescue operation में साथ देते रहे। जो एनडीआरएफ और जो बाकी official थे उनको सपोर्ट करते रहे। हॉस्पिटल में लाइन लगी हुई है। लोगों का ब्लड देने के लिए। वो अपना ब्लड देने के लिए क्योंकि आपको पता है कितने अभी अह सारे अस्पताल पैक हो गए हैं।
बहुत सारे लोगों को भुवनेश्वर कटक refer किया जा रहा है। और ये रेल मंत्री हमारे अश्विनी वैष्णव साहब पे पहुँचने वाले हैं, वो किसी भी समय पहुँच सकते हैं। और ये टोल जो है, ये जो आंकड़ा है, ये धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है और ये भयानक होता जा रहा है। रेलवे के इतिहास में ये सबसे बड़ी दुर्घटना हो सकती है,
मैं आपको बता दूँ, आज अह अभी हाल-फिलहाल में ये दुर्घटना इतनी बढ़ क्यों रही है? अभी बात की जा रही थी जो
अगर कवच लगा रहेगा ट्रैन में तो?
कवच सिस्टम रहेगा। अगर कवच लगा रहेगा ट्रैन में तो आमने-सामने अगर ट्रेन रही या एक ही ट्रैक पे रही तो अचानक उसमें ब्रेक लग जाएगी, distance पे लग जाएगी और कोई दुर्घटना नहीं हो सकता है। तो ये system आने में अभी बहुत टाइम लगने वाला है, कुछ ट्रेनों में ये लगाया गया है, लेकिन इसको सारी जगह implement करने में बहुत टाइम लगने वाला है।
एक अच्छी बात इसमें लोग कह रहे हैं, जो ये एलएचबी वाली coach थी, एलएचबी वाली coach थी, जिसके coupling system काफी अच्छे होते हैं। लेकिन फिर भी सोचो ये, ये जो visual देख के आप अंदाजा लगाओ कि कितना भयंकर घटना हुई है। हमारी हाबरा वाली जो ट्रेन थी, जो हो के थी तो उसके साइड में भी साइड कॉलाइड हो मालगाड़ी में टक्कर मारी उसके बाद ट्रेन में पटरी हुई और साइड में वो ट्रेन भी थी, उसमें जा के टकराई है। तो ये काफी भयंकर हादसा है,
स्तरीय जाँच बैठेगी?
इसमें स्तरीय जाँच बैठेगी और मैं आपको बता दूँ जाँच तो बैठती है लेकिन जो इसका रिपोर्ट निकल के आता है वो नहीं पता चल पाता है पब्लिक को मैं आपको जितनी भी हादसाएं हुई है जितनी भी दुर्घटनाएं हुई है मैं उसका रिपोर्ट निकाल के आपको सारे अह दुर्घटना का detail बताने की कोशिश करूंगा आगे इसमें टाइम लगता है, रिसर्च लगता है और सही जानकारी देनी पड़ती है, ऐसा नहीं है कुछ भी बोल के मैं आपको बता दूंगा, जो actual fact है जो मुझे अभी तक जानकारी मिली है, मैं वही आपको देने कोशिश करूंगा। हम आशा करते हैं, जो घायल लोग हैं, जल्द से जल्द recover हो जाएं।
इसमें हमारे प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति, मुरमुं जी सब ने दुःख व्यक्त किया है, लेकिन दुःख व्यक्त करने से कुछ नहीं, मुआवजा मिल जाएगा लेकिन एक जान की कीमत कोई भी मुआवजा नहीं दे सकता है। जो लोग सोचो बैंगलोर से हावरा अपने घर को जा रहे होंगे, उनकी अभी जान चली, जो लोग शालीमार से आ रहे होंगे, चेन्नई की ओर जा रहे होंगे, अपने काम पे जा रहे, अपने घर जा रहे हो, रिलेटिव के पास जा रहे हो, अह गर्मी छुट्टी खत्म हुई है, बच्चे होंगे कितने दर्दनाक ये हादसा है आप सिर्फ अंदाजा लगा लो
मैं इस इस दुःख की घड़ी में मैं अपनी तरफ से संवेदनाएं व्यक्त करता हूँ जल्द से जल्द ये ठीक हो जाए आपको अपडेट देता रहूंगा